शरीर में कैल्शियम कम होने पर उभरते हैं ये लक्षण
शरीर में कैल्शियम कम होने पर उभरते हैं ये लक्षण, यहां शुरू होता है सबसे पहले दर्द...
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नई दिल्ली: कैल्शियम से भरपूर खाना हड्डियों और जोड़ों को हेल्दी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. साथ ही यह दांतों को मजबूत बनाता है और रक्त कोशिकाओं को मजबूत बनाता है. ब्लड को नियंत्रित करने और डायबिटीज से बचाने में भी कैल्शियम महत्वपूर्ण रोल निभाता है.
अक्सर लोग कैल्शियम की कमी होने पर कैल्शियम से भरपूर खाना और सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं, जो उनके सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं. इसलिए आपको कैल्शियम के बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है.
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कैल्शियम की कमी के लक्षण
– कैल्शियम की कमी से ना केवल मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होता है बल्कि थकावट होने लगती है. अगर आप थोड़ा काम करके भी थकने लगें
तो समझ लीजिए शरीर में किसी चीज की कमी हो रही है.
– कमजोर दांत, कमजोर नाखून, झुकी कमर, बालों का टूटना या झड़ना भी कैल्शियम की कमी के कारण होता है.
– नींद ना आना, डर लगना और दिमागी टेंशन रहना कैल्शियम की कमी की वजह हो सकती है.
ध्यान रखें
जिन लोगों की बॉडी में कैल्शियम की कमी हो, वो बिना डॉक्टर की सलह के किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट्स ना लें और ना ही कोई दवा खाएं. डॉक्टर की सलाह आपकी बॉडी को सही तरीके से हेल्दी बनाए रखने में मदद करेगी इसलिए उनकी सलाह से ही सेहतमंद खानपान के साथ ही सप्लीमेंट लें. हरी सब्जियां, दही, बादाम और पनीर कैल्शियम के मुख्य स्रोत हैं.
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क्या दांत सफेद कर सकता है टूथपेस्ट? जानें दांतों से जुड़े हर सवाल का जवाब...
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नई दिल्ली: हम सभी सफेद दांत और सुंदर मुस्कुराहट की चाह रखते हैं. इसके लिए काफी कोशिशें भी करते हैं. कभी टूथपेस्ट बदलना तो कभी आयुर्वेदिक उपाय, सब कुछ अपनाते हैं. ऐसे में होता ये है कि दांतों की सफाई को लेकर कई तरह के वहम हमारे दिमाग में बैठ जाते हैं. आज ऐसे ही सवालों के जवाब जानिए-
1. दांतों को सफेद करने वाले टूथपेस्ट के कारण आपके दांतों का रंग सुधरेगा.
हम अक्सर मानते हैं कि दांतों को सफेद करने वाले गम हमारे दांतों के पीले रंग को सफेद कर देंगे. ये गलत है! इन उत्पादों में कुछ सफेद रसायन होते हैं, लेकिन यह आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं.
2. दांत साफ करने से ईनोमेल टिशू पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
यह सच नहीं है! दांत सफेद करने की एक सिद्ध दंत चिकित्सा प्रक्रिया है, जो पेशेवर दंत चिकित्सकों द्वारा की जानी चाहिए. प्राकृतिक घरेलू उपचार या सौंदर्य सैलून जाने की बजाय, दंत चिकित्सकों से अपने दांतों की देखरेख करवाना बेहतर होता है.
3. फल दांतों से उपभेदों को हटा सकते हैं.
हममें से अधिकांश ने सुना है कि केले के छिलके या नींबू जैसे फल रगड़ने से दांत चमकदार हो सकते हैं. हालांकि फल फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन दांतों पर रगड़ने से वे एसिड उत्पन्न करते हैं जो दांत के ईनोमेल को नुकसान पहुंचाता है.
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4. दांत सफेद करना स्थायी समाधान है.
यह एक सच्चा तथ्य है कि पेशेवर उपचार के बाद, आपके दांत लंबे समय तक सफेद रहेंगे. लेकिन यह कहना गलत है कि आपके दांत जीवन भर के लिए सफेद बने रहेंगे. हमारी खाने की आदतें और जीवनशैली के साथ हमें नियमित रूप से दांत को सफेद करवाना चाहिए.
5. जब आपके मसूड़ों से खून बह रहा है तो आपको ब्रश करना बंद कर देना चाहिए.
ब्रश करते समय अगर मसूड़ों से खून बहता दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. मसूड़ों से खून तभी बहता है जब आप दांतों को ठीक से साफ नहीं करते. लगातार ब्रश से आपकी समस्याओं का समाधान होगा.
6. दांतों के दर्द को कम करने के लिए एस्पिरिन की जरूरत है.
यह कुछ हद तक सही है कि एस्पिरिन से दर्द में राहत मिल सकती है लेकिन एस्पिरिन भी मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचाती है.
7. रूट कनाल अत्यधिक दर्दनाक और जोखिम भरी प्रक्रिया है.
यह उन लोगों की एक और गलतफहमी है जो दांत के दर्द से पीड़ित हैं. दंत चिकित्सा में तकनीकी प्रगति के साथ, रूट कनाल उपचार अब एक दर्दनाक प्रक्रिया नहीं रही. दांतों में लंबे समय तक होने वाले दर्द की चिंता करना और उनसे संघर्ष करना बंद करें.
स्किन एजिंग से लड़ने में लाभदायक होती हैं अच्छी सेक्स लाइफ
एंटी एजिंग टिप्स के बारे में तलाश करते वक्त, हमें भी कई सारे आर्टिकल्स में पढने को मिला कि बेहतर सेक्स लाइफ, आपकी त्वचा पर स्किन एजिंग के प्रभाव को काफी कम कर सकती हैं.
कहते हैं उम्र बढ़ेगी तो त्वचा की रौनक तो अपने आप घटने लगेगी. लेकिन जब आप अपनी एक्चुअल उम्र से बड़ी दिखने लगे तो ये वाकई में चिंता वाली बात होगी. जी हाँ, आज के प्रदुषण से भरे वातावरण में त्वचा पर जल्द ही बुरा प्रभाव पड़ने लगता हैं. इसलिए आँखों के नीचे काले धब्बे या झुर्रियो का आ जाना तीस साल या उस से भी कम उम्र में देखा जा सकता हैं.
इस ही वजह से एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स का महिलाओं में काफी प्रचलन चल पड़ा हैं. कुछ लोगो को इनका प्रयोग, त्वचा के लिए नुक्सान दायक लगता हैं क्योंकि कैमिकल से बने प्रोडक्ट्स हर प्रकार की त्वचा पर सामान रूप से अच्छा प्रभाव नहीं डाल पाते.
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एंटी एजिंग टिप्स के बारे में तलाश करते वक्त, हमें भी कई सारे आर्टिकल्स में पढने को मिला कि बेहतर सेक्स लाइफ, आपकी त्वचा पर स्किन एजिंग के प्रभाव को काफी कम कर सकती हैं. जी हाँ, ये भले ही आपको सुनने में अजीब लग रहा होगा… लेकिन सच हैं. अमेरिका में एक रिसर्च इंस्टिट्यूट ने ये सिद्ध भी किया हैं. उनकी रिसर्च के अनुसार, सेक्स एक कामगार दवाई साबित होती हैं जो स्किन एजिंग को कण्ट्रोल कर सकती हैं. सेक्स आपको तनाव दूर करने में सहायता करता हैं और सेक्स के दौरान जो होरमोन रिलीज़ होता हैं वो आपके त्वचा को जवान बनाए रखता हैं. इस रिसर्च के अनुसार, जो लोग ज्यादा सेक्स करते हैं वो दूसरो से सात से दस साल कम उम्र के नजर आते हैं.
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