जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड जमा हो जाता है
जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। यूरिक एसिड कई तरह के आहारों को खाने से बनता है। रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया कहते हैं। यह कई तरह का होती है, जैसे-एक्यूट, आस्टियो, रूमेटाइट, गाउट आदि।
गठिया के लक्षण -
गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है।
गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होने लगती है।
गठिया के कारण -
महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी के कारण, शरीर में आयरन व कैल्सियम की अधिकता, पोषण की कमी, मोटापा, ज्यादा शराब पीना, हाई ब्लड प्रेशर और किडनियों को ठीक प्रकार से काम ना करने की वजह से गठिया होता है।
महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी के कारण, शरीर में आयरन व कैल्सियम की अधिकता, पोषण की कमी, मोटापा, ज्यादा शराब पीना, हाई ब्लड प्रेशर और किडनियों को ठीक प्रकार से काम ना करने की वजह से गठिया होता है।
गठिया से कैसे करें बचाव -
• प्रतिदिन कम-से-कम 8 गिलास पानी पियें.
• ऐसा आहार लें जिसमें पोटैशियम प्रचूर मात्रा में हो - जैसे लीमा बीन्स, सूखे आड़ू (dried peaches), खरबूजा (cantaloupe), बेक्ड आलू (छिलके के साथ), पके हुए पालक, इत्यादि |
• कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट वाला आहार लें - जैसे होल ग्रेन पास्ता (Whole grain pasta), ब्राउन ब्रेड (brown bread), सब्जियां, और फल.
• विटामिन सी सप्लीमेंट्स लें या ऐसे आहार लें जिनमें विटामिन सी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हो.
• नियमित रूप से चेरी का सेवन करें.
• बिना कैफीन की कॉफ़ी (decaffeinated coffee) पियें.
• ”जंक फ़ूड” और मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें.
• आप मांस और मछली की जो मात्रा ले रहे हों उसे कम करें.
• अपने आहार में फैट की मात्रा घटायें.
• अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है तो इसे कम करें.
• कभी भी एक्सट्रीम डाइट ना अपनाएं - जैसे ज्यादा प्रोटीन वाले आहार, भूखा रखने वाले आहार, और ऐसे आहार जिनमें मूत्रवर्धक सप्लीमेंट्स (diuretic supplements) का प्रयोग होता है.
• नियमित व्यायाम करें.
• प्रतिदिन कम-से-कम 8 गिलास पानी पियें.
• ऐसा आहार लें जिसमें पोटैशियम प्रचूर मात्रा में हो - जैसे लीमा बीन्स, सूखे आड़ू (dried peaches), खरबूजा (cantaloupe), बेक्ड आलू (छिलके के साथ), पके हुए पालक, इत्यादि |
• कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट वाला आहार लें - जैसे होल ग्रेन पास्ता (Whole grain pasta), ब्राउन ब्रेड (brown bread), सब्जियां, और फल.
• विटामिन सी सप्लीमेंट्स लें या ऐसे आहार लें जिनमें विटामिन सी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हो.
• नियमित रूप से चेरी का सेवन करें.
• बिना कैफीन की कॉफ़ी (decaffeinated coffee) पियें.
• ”जंक फ़ूड” और मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें.
• आप मांस और मछली की जो मात्रा ले रहे हों उसे कम करें.
• अपने आहार में फैट की मात्रा घटायें.
• अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है तो इसे कम करें.
• कभी भी एक्सट्रीम डाइट ना अपनाएं - जैसे ज्यादा प्रोटीन वाले आहार, भूखा रखने वाले आहार, और ऐसे आहार जिनमें मूत्रवर्धक सप्लीमेंट्स (diuretic supplements) का प्रयोग होता है.
• नियमित व्यायाम करें.
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