नहाने के लिए इस्तेमाल करे विटामिन
नहाने के लिए इस्तेमाल करे विटामिन C युक्त पानी

विटामिन सी युक्त पानी से नहाना आपकी त्वचा और बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. सेहत और सौंदर्य से जुड़ा यह नया चलन इन दिनों पश्चिमी देशों के लोगों को खासा पसंद आ रहा है. लोग
अपने बाथरूम में विटामिन सी फिल्टर नामक एक उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पानी में क्लोरीन की मात्रा को कम करके त्वचा और बालों को बेहतर बनाता है. पानी में मौजूद क्लोरीन के कई बार कुछ अतिरिक्त प्रभाव देखने में आते हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक क्लोरीनयुक्त पानी त्वचा को खुश्क बना सकता है. इससे बालों में रूसी हो सकती है. इससे सरदर्द और आंखों में चुभन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. जबकि विटामिन सी फिल्टर पानी में मौजूद क्लोरीन के अवशेषों के संभावित अतिरिक्त प्रभाव को दूर करता है. यह त्वचा में होने वाली बीमारी, एक्जिमा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन सी क्लोरीन की हानिकारक प्रभावों को कम करता है.
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गुलाब का फूल है विटामिन A से भरपूर

फूलों में गुलाब एक जाना पहचाना फूल है. गुलाब के रंग-बिरंगे फूल सिर्फ घर में सजे फूलदान पर ही अच्छे नहीं लगते, बल्कि इसकी पंखुडियां भी बडे काम की है. यह फूल होने के साथ-साथ एक जडी बूटी भी है. गुलाब हमारे जीवन में अपनी ही महत्व है.
सौंदर्य अपील और सुखदायक खुशबू के अलावा, गुलाब का फूल हमें कई त्वचा व स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.
1-गुलाब जल त्वचा की देखभाल के लिए बहुत लोकप्रिय है. गुलाब जल के इस्तेमाल का सबसे बडा लाभ यह है कि एक सर्वश्रेष्ठ टोनर भी है, गुलाब जल में नैचुरल एस्टिंजेट होने के यह एक सर्वश्रेष्ठ टोनर भी है. डेली रात को इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा टाइट होती है. यह त्वचा के पीएच संतुलन को बनाएं रखता है. मुंहासों को दूर करने में काफी मदद करता है और बैक्टीरिया के संक्रमण से स्किन की रक्षा करता है.
2-एक बोतल में गि्लसरीन, नींबू का रस और गुलाबजल को बराबर मात्रा में मिलाकर घोल बना लें. दो बूंद चेहरे पर मलें. त्वचा में नमी और चमक बनी रहेगी और स्किन सॉफ्ट-मुखमली बन जाएगी.
3-अस्थमा, डायरिया, कफ, हाई ब्लड प्रेशर, फिवर, पेट की गडबडी में गुलाब का सेवन बेहद उपयोगी होता है.
4-गुलाब के फल विटामिन ए, बी 3, सी, डी और ई से भरपूर होता है. इसमें उच्च मात्रा में मौजूद विटामिन के कारण डायरिया के इलाज के लिए इसका यूज किया जाता है.
5-गुलाब के फल में फ्लवोनोइड्स, मैलिक एसिड, टैनिन सिट्रिक एसिड, जिंक, बायोफ्लवोनाइड्स भी होता है.
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इन तरीको से पाए बढ़ते कोलोस्ट्रोल से छुटकारा

आज हैल्थ कॉन्शियस लोग मार्केट में उपलब्ध अलग-अलग रिफाइंड ऑयल और सरसों के तेल को प्राथमिकता दे रहे हैं. दरअसल यूं तो यह तेल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने का ही दावा करते हैं, पर इनके यूज से बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ गुड कोलेस्ट्रॉल भी नष्ट होता जाता है. ऐसे में आपको जरूरत है एक ऐसे तेल की जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो, जिसे पकाने पर उसके पोषक तत्व भी नष्ट न हो और वह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखें.
अलसी का ऑयल -इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका यूज खाना बनाने में नहीं, बल्कि सैलेड में डाला जाता है.
ऑलिव ऑयल-इसमें ओमेगा 3 और आमेगा 6 फैटी एसिड होते हैं. यह म्यूफा और प्यूफा का भी अच्छा स्त्रोजत है. यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढता है. लेकिन इसका यूज सैलेड की सिजलिंग के लिए करना अधिक बेहतर होगा. राइस ब्रान और सरसों के तेल की तुलना में इसमें स्मोकिंग प्लाइंट कमहोता है. यानी यह डीप फ्राई और तेज आंच पर पकाने के बाद इसमें मौजूद जरूरी तत्व कम हो जाते हैं.
राइस ब्रेन ऑयल -इसका इस्तेमाल उच्च ताप पर भोजन पकोन के लिए आसानी से किया जा सकता है. इसके गुणों के कारण बहुत से एशियाई देशों में इसका प्रयोग कुकिंग ऑयल के तौर पर किया जाने लगा है. राइस ब्रान ऑयल में अन्य तेलों की अपेक्षा सबसे अधिक संतुलित फैट एसिड कंपोजिशन पाया जाता है. इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कुछ मात्रा और एंटीऑक्सीडेंट जैसे ओरजानोल, टोकोट्रिनॉल और स्क्वैलीन की पर्याप्त मात्रा होती है. प्रति 1 ग्राम राइस ब्रान तेल में लगभग 9 कैलरी होती हैं.
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अधिक कॉफी पीने वाली महिलाओं के बूब्स पर होता है कुछ ऐसा असर

कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है की महिलाए पुरुषो की तुलना में अधिक कॉफ़ी पीती है. इसकी वजह से महिलाओ को पुरुष की तुलना में होने वाला अत्यधिक तनाव. इसी के चलते महिलाए पुरुषो से ज्यादा कॉफ़ी का सेवन करती है. जिससे उनके स्तनों पर अचंभित करने वाले प्रभाव पड़ते है.
महिलाओं के स्तन बोलते है कितना कुछ
अध्ययन के अनुसार, दिन में तीन कप तक कॉफ़ी पीने वाली महिलाओ के स्तन आम महिलाओ की तुलना में अधिक बड़े होते है. महिलाए अपने स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए कई तरह की दवाइयां और क्रीम का इस्तेमाल करती है.
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जबकि कॉफ़ी इसके लिए बिलकुल सटीक और कारगर तरीका है. इसके अलावा नियमित रूप से कॉफ़ी पीने से तनाव में भी कमी आती है. साथ ही और भी कई फायदे होते है.
इतनी बुरी भी नहीं है बियर, माय डियर

शराब हमेशा से ही शरीर के लिए नुकसानदेह रही है और इसमें कोई दो राय नहीं है. बीयर का इस्तेमाल हमारे देश में काफी होता है और रिसर्च के अनुसार अगर सीमित मात्रा में बियर का सेवन किया जाए तो इसके कई फायदे हो सकते हैं. बहुत से लोगों को यह यकीन नहीं होगा लेकिन बियर पर हुए काफी सारे शोधों के नतीजे तो यही कहते हैं. चलिए जानते हैं कि सीमित मात्रा में बियर पीने से क्या फायदे हो सकते हैं. पिंट बीयर का सेवन करने से 31 फीसदी दिल की बीमारियां होने का खतरा कम रहता है बजाय उन लोगों के जो बीयर का सेवन नहीं करते।
अगर निशित मात्रा में बियर का सेवन किया जाए तो दिल की सेहत के लिए बीयर अच्छी साबित हो सकती है कभी-कभी बीयर का सेवन करने से हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है क्योंकि बीयर में सिलिकॉन पाया जाता है जो कि हड्डियों के लिए बहुत अच्छा होता है। आज जब सारी दुनिया डायबिटीज के चंगुल में फंसी हुई है वहां बियर पीने से इस बिमारी से बचा जा सकता है। बियर पाने वालों पर किये गए शोध के अनुसार जो पुरुष रोजाना 2 बीयर पीते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 25 फीसदी तक कम हो जाता है।
कैंसर जैसे रोगों में भी बियर फायदेमंद है. हेट्रोसाइकिलिक अमीन्स एचसीए बीयर में मौजूद होता है जो कि शरीर में कैंसर पैदा करने वाले हानिकारक तत्वों जैसे कार्सिनोजेन को दूर करने में मदद करता है। जो लोग बीयर के अलावा अन्य ड्रिंक्स का सेवन करते हैं उनमें किडनी स्टोन का खतरा उन लोगों से ज्यादा होता है जो सीमित मात्रा में बीयर पीते हैं। एक ग्राम बीयर में फाइबर, विटामिन बी से भरपूर तत्व जैसे नियासिन पैंटोथैनिक एसिड, फोलेट रिबोफ्लाविन मौजूद होते हैं। साथ ही बीयर में विटामिन बी6 और विटामिन बी 12 भी पाया जाता है ।
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गुलाब का फूल है विटामिन A से भरपूर
आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुक्सान पहुंचा सकते है पिज्जा, बर्गर

बदलती लाइफ स्टाइल के कारण हमने अपने खाने में भी बहुत बदलाव किये हैं. अपने आप को मॉडर्न बनाने के चक्कर में पश्चिम की नक़ल हम हेल्दी फ़ूड से ज्यादा अब फ़ास्ट फ़ूड को तरजीह देने लगे हैं. मोटापा, मधुमेह और ना जाने कितनी बीमारियों को न्यौता देने वाले फ़ास्ट फ़ूड के साइड इफेक्ट्स की लिस्ट बहुत लंबी है. इनमे बहुत से केमिकल्स का भी प्रयोग किया जाता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत घातक साबित होते हैं.
इन चीजों को पैक करने के लिए थैलेट नाम के एक औद्योगिक रसायन का प्रयोग किया जाता है। थैलेट रसायन प्लास्टिक और विनायल की साफ्टनेस बढ़ाता है। थैलेट का इस्तेमाल पर्सनल केयर की चीजें इत्र, सोप, शैंपू, नेल पॉलिश, स्किन क्रीम में किया जाता है। इन रसायनों के कारण प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचता है और नपुंसकता भी हो सकती है। अब आप सोच सकते हैं कि ये शरीर को कितना नुक्सान पहुंच सकते हैं.
फ़ास्ट फ़ूड जिस तेल में तैयार होता है उसे बार बार गर्म करने के कारण उसमें लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन नामक हानीकारक कॉलैस्ट्रोल रह जाता है एवं अच्छे कॉलेस्ट्रोल हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन को घटाता है जो दिल के लिए हानिकारक साबित होता है। फास्टफूड में बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर व अन्य हानिकारक तत्व होते हैं जो अनेक रोगों का कारण है। फास्ट फूड दिमाग के लिए भी अच्छा नहीं है और यह दिमाग को नुकसान पहुंचाता है।प्रेगनेंसी में ये चीजें बिलकुल नहीं खानी चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु के टेस्टीस या फिर ओवरी और मलद्वार की दूरी कम हो जाती है।
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वर्क आउट करते हैं तो मसाज भी है जरूरी

अक्सर देखा जाता है कि लोग वर्कआउट के बाद कई बार काफी थकन महसूस करते हैं. आपने अपनी बॉडी से जो मेहनत करवाई है उसके कारण ऐसा होना लाजमी है. थकान को दूर करने के लिए बहुत से उपाय है लेकिन मसाज सबसे बेहतर उपाय माना जाता है क्योंकि मसाज लेना वर्कआउट के बाद होने वाली पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
मसाज से ना केवल बेहतर महसूस होता है बल्कि मसल्स रिलेक्स होते हैं और दर्द दूर करने में भी सहायता मिलती है। अगर आप हफ्ते में पांच बार वर्कआउट करते हैं, तो आपको हफ्ते में एक बार मसाज करानी चाहिए। अगर आप हफ्ते में कुछ ही दिन वर्कआउट करते हैं, तो आप दो हफ्तों में एक बार या एक महीने में एक बार मसाज करा सकते हैं। मसाज से रक्त संचार बेहतर होता है और एक्सरसाइज के बाद होने वाले मांशपेशियों के दर्द को भी इससे कम करने में मदद मिलती है।
वर्कआउट के बाद मसाज लेने से पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलने में मदद मिलती है। कई बार एक्सरसाइज की शुरुआत करने पर मांसपेशियों में दर्द होता है। पहली बार एक्सरसाइज करने पर थोड़ा दर्द होता हैं, लेकिन एक्सरसाइज करना छोड़ना नहीं चाहिये। आप एक्सरसाइज करने के थोड़ी देर बाद कुछ समय के लिये आराम भी कर सकते हैं। इससे एक्सरसाइज करने पर होने वाला दर्द कम हो जाता है। कम से कम आठ घंटे सोने से हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है जिससे टिशू रिपेयर और विकास में मदद मिलती है।
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ये चीजें बढ़ा देती है बवासीर की तकलीफ

बवासीर(पाइल्स) बहुत तकलीफदायक बिमारी है. यह बिमारी हमारे गलत खाने पीने और डाइजेस्टिव सिस्टम में होने वाली गड़बड़ी के कारण होती है. बवासीर से छुटकारा पाना इतना आसान नही है लेकिन कुछ बाते ऐसी हैं जिन्हें अपनाकर हम इस समस्या से बच सकते हैं. आपको केवल खुद पर और डाइट पर कण्ट्रोल करना होगा ताकि बवासीर से बचा जा सके. फ़ास्ट फ़ूड बहुत सी समस्याओं को जन्म देते हैं और बवासीर भी उन्ही में से एक है.
फास्ट फूड ना खाएं तो ही बेहतर है. फ्रूट्स और वेजिटेबल्स को अपनी डाइट में शामिल करें। घर पर भी अगर मसालेदार खाना बनाते और खाते हैं तो बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है. मसालों का अधिक सेवन आपको इस बीमारी ये ग्रस्त बना सकता है, और यदि आप पहले से ही मरीज हैं, तो यह आपकी समस्या को और बढ़ा सकता है। राजमा व मसूर जैसी चीजें पाइल्स के रोगियों के लिए बेहद नुकसानदायक है।
फाइबर से भरपूर भोजन कीजिये। पेट में गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करना बेहद हानिकारक हो सकता है। अपने डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए कम तेल और मसाले खाने की कोशिश कीजिये। घी हमारी बॉडी के लिए काफी अच्छा होता है लेकिन अगर आप बवासीर के रोगी हैं तो इसका सेवन ना करें तो बेहतर होगा क्योंकि कई बार इसका सेवन पाइल्स के रोगियों की समस्या को बढ़ा सकता है। इसीलिए घी का सेन तभी करें, जब यह आपको सूट करता हो।
इतनी बुरी भी नहीं है बियर, माय डियर
आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुक्सान पहुंचा सकते है..
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