अदरक के इतने फायदे होने के कारण
अदरक के इतने फायदे होने के कारण
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आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में हाइपरटेंशन एक आम बीमारी हो गयी है।कभी भी जंक फ़ूड खा लेने की आदत और शुगर से भरपूर पेय पदार्थों के सेवन, ये सब मिलकर आपके ब्लड प्रेशर को और बढ़ा देते हैं। हालांकि कुछ दवाइयों से आप अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं लेकिन कुछ ऐसे घरेलु उपचार भी हैं जो आपके इस बीमारी से आराम पहुँचा सकते हैं। अदरक ऐसे ही गुणों से भरपूर है, यह हर घर में इस्तेमाल होने वाली चीज है और यह कहीं भी आसानी से मिल जाती है। यह रक्त नलिकाओं के आस-पास की मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और रक्तचाप(Blood Pressure) कम हो जाता है। पढ़ें : हाई ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल में लाती हैं
अदरक के इतने फायदे होने के कारण आपको इसे अपनी रोजाना की डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिये। सबसे सही तरीका है कि आप रोजाना अदरक की चाय बनाकर पियें पढ़ें :हेल्दी रेसिपी: अदरक काली मिर्च की चाय या इसे अपनी किसी भी डिश में मसाले की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, स्वाद बढ़ाने के साथ ही यह आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखेगी और ह्रदय रोगों से भी बचाने में मदद करेगी। हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर बीमारी है क्योंकि इसके कोई ख़ास लक्षण नहीं होते और आसानी से इसका पता भी नहीं चल पाता है। हालांकि कुछ लक्षण जैसे कि अक्सर सिरदर्द होना, साँसों में दिक्कत,नाक से खून बहना और विज़न से जुड़ी परेशानियां यह दर्शाती हैं कि आप हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं फिर भी आपको एक बार डॉक्टर से चेकअप ज़रूर करवा लेना चाहिये जिससे यह निश्चित हो जाए कि आपको यह बीमारी है या नहीं।
इस बात का ध्यान रखें कि अदरक का सेवन, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का सिर्फ एक घरेलु उपचार है, यह दवाइयों का विकल्प नहीं है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिये सिर्फ इस घरेलु उपचार पर ही निर्भर ना रहें बल्कि डॉक्टर की सलाह भी ज़रूर लें
अरवी एक ऐसी सब्जी है, जो भारत के सभी हिस्सों में खायी जाती है। ये स्वाद के साथ-साथ शरीर को ताकत भी देती है। कम मात्रा में कैलोरी और भारी मात्रा में फाइबर के होने के चलते इसे वजन घटाने के लिए एक बेहतर फूड माना जाता है। यह फोलेट का भी बहुत अच्छा स्रोत है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन ए, सी, कैल्शियम और आयरन जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। आप इसे अपने दैनिक आहार में शामिल कर अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। अधिक फाइबर की वजह से इसका पाचन आसान है। एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिकता की वजह से यह त्वचा के लिए फायदेमंद होती है। साथ ही यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।पढ़ें- फल और सब्ज़ी मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्यों ज़रूरी होता है?
अरवी के अन्य फायदे
अरवी के ऐन्टीडिप्रेसन्ट (antidepressant), लैक्सटिव (laxative) और ऐंक्सिओलिटिक (anxiolytic) गुण चिंता कम कर अच्छी नींद में सहायक होते हैं।
फाइबर और विटामिन ई का एक अच्छा स्रोत होने के नाते अरवी दिल को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
कम कोलेस्ट्रॉल और वसा होने के चलते दिल को सही से काम करने में सहायता करती है।
ये पोटैशियम का सबसे अच्छा स्त्रोत है। पोटेशियम मांसपेशियों, नसों और गुर्दे के समुचित कार्य करने के लिए ज़रूरी है।
इतना ही नहीं ये सब्ज़ी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।
इसका इस्तेमाल कैसे करें
अरवी का इस्तेमाल सब्ज़ी बनाकर किया जाता है। आप इसे फ्राई और करी बनाकर खा सकते हैं।
अरवी के पाउडर को आप कॉर्नफ्लोर की जगह कई डिश में इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसे बनाने के लिए कम से कम तेल का इस्तेमाल करें।
नीचे बैठकर खाना खाने के फायदेः-
हम जितने आधुनिक होते जा रहे है उतने ही बीमार भी । कभी हम आसन लगाकर भोजन किया करते थे, उसकी जगह डायनिगं टेबल पर या खड़े-खड़े खाना खाने लग गये । नुकसान यह हुआ कि हम जमीन पर बैंठना ही भुल गए । हमारे जोड़ जल्दी जवाब देनें लग गये । जमीन पर पालथी मारकर बैठने के बहुत से फायदे है ।
(1) जोड़ो की समस्या से बचावः-
जमीन पर बैठकर खाना खाने से कुल्हे के जोड़, घुटने और टखने लचीले बनते है । इस लचीलेपन से जोड़ो की चिकनाई बनी रहती है । इससे आगे चलकर उठने-बैठने में दिक्कत नहीं आती । यही नही हड्डियों के रोग जैसे अँस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस की समस्या से भी जमीन पर बार-बार उठना-बैठना लाभ देता है ।
(2) दिमाग रहेगा स्वस्थः-
जब भी हम जमीन पर बैठते है तो यह एक तरह का आसन बन जाता है जिसें सुखासन कहा जाता है । यह आसन इंसान को तनाव से मुक्त बनाता है और दिमाग को तेज बनाता है । जमीन पर बैठने से पीठ और पेट के आस-पास की मांसपेंसियों में खिचाव आता है जिससे शरीर लचीला बनता है ।
(3) कैलोरी में कटौती ः-
यह स्वाभाविक है कि जब भी जमीन पर बैठकर खाना खाया जाता है तब धीरे-धीरे खाया जाता है और कम मात्रा में खाने का सेवन होता है जो कि शरीर के लिए उत्म होता है । साथ ही कम खाने से कैलोरी का सेवन भी कम हो जाता है ।
(4) दिल को मिलती है ताकतः-
जमीन पर बैठकर खाने से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है । बैठकर खाने से खुन का संचार शरीर में आसानी से होता है । खाना जब जमीन पर बैठकर खाया जाता है तब खुन का संचार दिल तक आसानी से होता है । डायनिगं टेबल पर या खड़े-खड़े खाना खाने से खुन का संचार पैरो की तरफ होता है जबकी पैरो को इसकी जरूरत ही नहीं होती है ।
(5) वजन बढ़ने से बचाए ः-
सुखासन में बैठकर खाना खाने से अधिक खाना खाने से बचते है । जिससे वजन बठने की संभावना कम होती है । नीचे बैठकर खाना खाने से खाने पर ध्यान अधिक रहता है । जिससे दिमाग भी शांत रहता है,साथ ही दिमाग जल्दी यह एहसास भी करा देता है कि पेट भर गया है ।
स्लिपिंग हैबिट्स (सोने की आदत) में सुधार लाकर बनें पाॅजिटिव ( सकारात्मक ) ः-
अपनै अन्दर और ज्यादा एनर्जी (ऊर्जा ) चाहते है तो अपने सोने की आदत में सुधार लाएॅ, सुबह जल्दी उठने वाले लोग अधिक सकारात्मक सोच रखते है । ये लोग ज्यादा उत्साहित भी होते है । सुबह की धुप से दिमाग तरोताजा हो जाता है । एक या दो बजे के बीच थोड़ी झपकी लेना अच्छा है । झपकी 30 मिनट से अधिक नही लेनी चाहिए वरना रात की नींद अव्यवस्थित हो जाती है । रात को 11 बजे से 3 बजे तक गहरी नींद लेने से ही शरीर व दिमाग को पुरा आराम मिलता है । अतः रात्रि 10 बजे सोना व प्रातः 4 बजे उठ जाना ही अपने शरीर को स्वस्थ व दिमाग को सकारात्मक रखने के लिए आवश्यक है ।
पहला सुख निरोगी काया ।
अन्तिम सुख भी निरोगी काया ।
-ः दिमाग की कमजोरी ः-
हमारी रोजमर्रा से जुड़ी आदतें ही सोचने और समझने की क्षमता को कम कर रही है, दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए इन आदतो को बदलना जरूरी है ।
(1) देर तक सोना -
दिमाग पर सबसे अधिक प्रभाव सोने का पड़ता है,अगर हम कम या अधिक नींद लेते है तो सीधे वह दिमाग को प्रभावित करेगा । प्रातः काल अधिक देर तक सोने से तनाव बढ़ता है और बीपी व शुगर जैसे रोग भी हो सकते है ।
(2) व्यायाम न करना -
व्यायाम से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे दिमाग की सक्रियता भी बढ़ती है ।
(3) तनाव में रहना -
दिमाग का सबसे बड़ा दुश्मन तनाव है । इससे दिमाग की सोचने समझने की कोशिकाएॅ काम करना बंद कर देती है,जिससे दिमाग की शक्ति कम हो जाती है ।
(4) प्रातः अल्पाहार नहीं लेना-
सुबह अल्पाहार न लेना दिमाग पर असर करता है । इससे खुन में शुगर का स्तर कम हो जाता है । दिमाग में वो न्यूट्रियंट्स नहीं पहुंच पाते, जिसकी दिमाग को जरूरत होती है ।
(5) अनियमित खाना-
खाने में देरी करना,स्वाद के कारण अधिक खाने या कम खाने से दिमाग की धमनियाॅ शक्त हो जाती है, दिमाग कमजोर होने लगता है ।
(6) शुगर का अधिक सेवन-
स्वाद व शौक के कारण मीठा अधिक खाने से शरीर में प्रोटीन और न्यूट्रियंट्स को सोखने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे दिमाग का विकास रूक जाता है ।




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१Ⓜदही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..
२Ⓜबहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..
३Ⓜअजवाइन को पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..
४Ⓜअजवाइन को पीस लें , नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..
५Ⓜअजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..
६Ⓜठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..
७Ⓜअदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..
८Ⓜरोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी.बी भी हो दूर..
९Ⓜगाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..
१०Ⓜशहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..
११Ⓜचिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..
१२Ⓜयलाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..
१३Ⓜप्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..
१४Ⓜसात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..
१५Ⓜसात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..
१६Ⓜतुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..
१७Ⓜथोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग.
१८Ⓜअजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..
१९Ⓜऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों,जीवन में हो सिद्धि..
२०Ⓜदस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..Akkii..
२१Ⓜमुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..
२२Ⓜकंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..
२३Ⓜबीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..
२४Ⓜबीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..
२५Ⓜनीबू बेसन जल शहद, मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..
२६.Ⓜमधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय.
२७.Ⓜपीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..
२८Ⓜठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम, नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..
२९Ⓜकफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..
३०Ⓜअजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..
३१Ⓜछाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग,
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग.ashok
- :गुड के अनेक फायदें : -
सर्दियों में गुड कई बीमारियों से राहत दिलाता है |
रोजाना भोजन के बाद गुड खाने से पाचन क्रिया सही रहती है तथा गैस नहीं बनती |
रोजाना पानी या दूध के साथ गुड लेने से रक्त साफ होता है व पेट ठण्डा रहता है |
गुड में आयरन है,यह एनीमिया के मरीज व महिलाओं के लिए फायदेमंद है |
गुड खुन से टॉक्सिन दुर करता है जिससे त्वचा के रोग दूर होते है |
गुड से थकान व कमजोरी दूर होती है |
गुड से जुकाम व कफ दूर होते है |
गुड दमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है |
गुड व अदरक का टुकडा नियमित लेने से जोडो का दर्द दूर होता है |
गुड व काले तिल के लड्डु खाने से अस्थमा में आराम मिलता है |
गुड व घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक होता है |
पाँच ग्राम सौंठ व दस ग्राम गुड के साथ लेने से पीलिया रोग दूर होता है |
गुड के साथ पके चावल खाने से बैठा गला व आवाज खुलती है |
पाँच ग्राम गुड व पाँच ग्राम सरसों का तेल मिलाकर खाने से श्वास रोग दूर होता है
: हमारा दिल (ह्रदय) :-
जन्म से मृत्यु तक दिल धड़कता है | 24 घण्टे काम करने वाला दिल कभी-भी धोखा दे सकता है | अच्छे-खासे स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को भ हार्ट अटेक आ जाता है और उपचार से पहले ही दिल धड़कना बन्द कर देता है |दिल को चुस्त-दुरूस्त रखना है तो दिनचर्या व खान पान का ध्यान रखना होगा |
तनाव दिल का दुश्मन है | यह कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर लेवल भी अनियन्त्रित करता है | तनाव से बचें,यह एक अवस्था है- रोग नहीं |
ब्लड प्रेशर दिल को कमजोर करता है | नमक का सेवन कम करें |
नाश्ता कभी ना छोडें | सारी रात कुछ न खाने के बाद सुबह सामान्य नाश्ता नहीं करने से शरीर तनावग्रस्त हो जाता है,ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है |
टमाटर का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए | इसमें लाईकोपेन एंटीआक्सीडेंट होता है जो कोलेस्ट्रोल को नियन्त्रित रखता है |
अनिन्द्रा से तनाव बढता है और दिल को क्षति पहुचती है | जल्दि सोना,जल्दी उठना सबसे अच्छा रहता है |
प्याज का सेवन प्रतिदिन करें इसमें क्वरसटीन एंटीआक्सीडेंट होता है जो फ्री रेडिकल्स होने के कारण दिल को स्वस्थ रखता है |
दिल की बीमारियों से बचने के लिए संतुलित खान-पान और नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है | मोटपा,हायपरटेंसन,कोलेस्ट्रोल,डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचने से दिल की बिमारी की सम्भावना कम हो जाती है |ashok jain
सेहत के लिए जीरा का उपयोग :-
(१) मोटापा-जीरा और काला नमक समान मात्रा में मिलाकर चुर्ण बना लें और दिन में दो बार पानी या दही के साथ सेवन करें |
(२) जी मचलाना-नींबु के रस में जीरा बुरक कर खायें |
(३) भूख नहीं लगने पर-अनार के रस के साथ जीरें का सेवन करें |
(३) रूसी में उपयोगी- तेल में जीरे को थोडा गर्म करें | इस गुनगुने तेल से सिर मे मसाज करें |
(४) बवासीर में- मिश्री मिलाकर पियें या लेप बनाकर लगायें |
(५) फेस पैक- जीरा पावडर व हल्दी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बनायें | इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सुखने तक रखें |ashok
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