अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, उद्देश्य एवं महत्व
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, उद्देश्य एवं महत्व
– International Yoga Day History, purpose and
– International Yoga Day History, purpose and

International Yoga Day in Hindi आंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 2014 में हुई और इसे संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद वर्ष 2015 से हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। योग मन, मस्तिष्क एवं शरीर का एक अभ्यास है। योग की विभिन्न शैलियां होती हैं जिनमें शारीरिक मुद्राएं, सांस लेने की टेक्निक और मेडिटेशन एवं रिलैक्सेशन आदि शामिल है।
योग शब्द संस्कृत भाषा के युज (yuj) से लिया गया है जिसका अर्थ है एक साथ जुड़ना (join together) । मन-मस्तिष्क एवं शरीर पर नियंत्रण रखने एवं खुशहाल जीवन के लिए योग काफी लोकप्रिय है। देखा जाए तो योग प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों से यह बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया है।
आइये जानते है आंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है, योग दिवस कब मनाया जाता है, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018, योग दिवस 21 जून 2018, आंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व, योग दिन की शुरुआत के बारे में।
1. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है – What is International Yoga Day in Hindi
2. योग दिवस कब मनाया जाता है – Yog diwas kab manaya jata hai
3. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 – International Day of Yoga 2018 in Hindi
4. योग का इतिहास – History of yoga in Hindi
5. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य – Purpose of international yoga day in Hindi
6. योग के फायदे – Yoga Ke Fayde in Hindi
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है – What is International Yoga Day in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर के देशों में 21 जून को मनाया जाता है। 21 जून को योग दिवस मनाने का विचार सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने एक भाषण के दौरान प्रस्तावित किया था। उन्होंने इस दिन योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि उत्तरी गोलार्ध में 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। संयुक्त राष्ट्र के इस घोषणा के बाद वर्ष 2015 से हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
177 से अधिक देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का समर्थन किया। प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 90 दिनों से भी कम समय में पारित कर दिया जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतिहास में पहली बार हुआ। आयुष मंत्रालय एवं भारत सरकार इसकी नोडल एजेंसी है और यह दोनों मिलकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती हैं।
योग दिवस कब मनाया जाता है – Yog diwas kab manaya jata hai

हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस दुनिया भर के देशों में 21 जून को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 – International Day of Yoga 2018 in Hindi

World Yoga Day इस साल अर्थात् वर्ष 2018 में चौथी बार 21 जून, दिन गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। अब यह बड़े पैमाने पर लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुका है और देश भर के लोग एक मंच पर इकट्ठे होकर योग दिवस का आयोजन कर रहे हैं।
योग का इतिहास – History of yoga in Hindi

भारत में योग का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है और मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्म के रूप में लोग प्राचीन काल से ही इसका अभ्यास करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। प्राचीन काल में यहां लोग मस्तिष्क की शांति के लिए ध्यान करते थे। योग की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है जिन्हें आदि योगी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को दुनियाभर के योगियों का गुरू माना जाता है। इसके बाद ऋषि-मुनियों से योग को लोकप्रिय बनाया और योग ने दुनिया भर में ख्याति अर्जित की। आज सूर्य नमस्कार (sun salutation), अनुलोम-विलोम सहित कई योगासन एवं ध्यान का अभ्यास तन को स्वस्थ रखने एवं मस्तिष्क को शांत रखने के लिए किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य – Purpose of international yoga day in Hindi

योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत के प्राचीन योगाभ्यास को नयी पीढ़ी के युवाओं (youth) के बीच लोकप्रिय बनाना एवं योग के फायदों के बारे में जागरूक करना है। माना जाता है कि योग के दैनिक अभ्यास से शारीरिक बीमारियां एवं मानसिक तनाव दूर हो जाते हैं।
योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य निम्न है-
युवाओं के बीच योग एवं ध्यान(meditation) को विकसित करना है जिससे वे जागरूक होकर योग एवं ध्यान के जरिए मानसिक शांति हासिल कर सकें। ध्यान तनाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एवं योग तन और मन को स्वस्थ रखता है।
योग शरीर के आंतरिक अंगों (internal organ) में ऑक्सीजन एवं रक्त प्रवाह को बढ़ाकर शरीर की क्रियाओं को बेहतर बनाता है। शरीर के सभी अंगों में सही तरीके से खून का संचार होने से हृदय, फेफड़े, किडनी एवं अन्य अंगों से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम हो जाती है।
योग दिवस का उद्देश्य लोगों को योग के बारे में जागरूक (educate) करना है ताकि बिना किसी दवा के लोग अपने तनाव से प्राकृतिक तरीके से छुटकारा पा सकें।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य विभिन्न जाति, भाषा, धर्म एवं पृष्ठभूमि के लोगों के बीच भेदभाव को खत्म कर उन्हें एक मंच पर लाकर विश्व शांति कायम करना है।
योग की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना, योग से होने वाले फायदों (benefits) के बारे में बताना, लोगों को प्रकृति से जोड़ना आदि योग दिवस के मुख्य उद्देश्य हैं।
योग के फायदे – Yoga Ke Fayde in Hindi

शरीर की तमाम बीमारियों को दूर करने का योग एक प्राकृतिक तरीका है। यह सिर्फ मन को खुशहाल एवं मस्तिष्क को शांत ही नहीं रखता है बल्कि विकारों को दूर करने एवं शरीर को स्वस्थ (healthy) बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
योग का प्रतिदिन अभ्यास करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे शरीर के अंग भी उत्तेजित होते हैं।
नियमित योग करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। शरीर लचीला (flexible) बनता है एवं मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
योग करने से शरीर को सही आकार (shape) मिलता है एवं रीढ़ की हड्डी भी लचीली बनती है जिसके कारण अर्थराइटिस की समस्या नहीं होती है।
प्रतिदिन योग करने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है एवं मन प्रसन्न रहता है।
योग करने से आत्मकेंद्रित होने की क्षमता बढ़ती है एवं स्ट्रेस, डिप्रेशन, माइग्रेन, चिंता एवं तनाव से मुक्ति मिलती है।
योगाभ्यास करने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, नर्वस सिस्टम बेहतर होता है एवं हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों की संभावना कम होती है।
योग करने से अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है, वजन एवं पेट की चर्बी भी कम होने में मदद मिलती है।
रोज योग करने से फेफड़े सही तरीके से काम करते हैं, बुखार एवं एलर्जी की समस्या नहीं होती है।
एसिडिटी, अस्थमा, बालों का टूटना, दृष्टि कमजोर होना एवं किडनी की समस्या सहित विभिन्न रोग योग करने से दूर हो जाते हैं।
कपालभाति करने का तरीका और लाभ –
Kapalbhati Pranayama procedure And Benefits in Hindi
https://healthtoday7.blogspot.com/

Benefits of kapalbhati in hindi कपालभाति दो शब्दों कपाल और भाति से मिलकर बना हुआ है। जहां कपाल का मतलब माथा या सिर(head) और भाति का मतलब प्रकाश या चमक (lighting) से है। यह ऐसा प्राणायाम है जिसमें व्यक्ति को सांस खींचने और सांस को छोड़ने की प्रक्रिया के बीच समन्वय बिठाना पड़ता है। अगर इस प्राणायाम को बिल्कुल सही तरीके से किया जाए तो यह शरीर के मांसपेशियों को अधिक सक्रिय बनाता है जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इसके अलावा यह श्वसन अंगों को भी सही तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इस आर्टिकल में हम आपको कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका, कपालभाति करने के फायदे औरकपालभाति प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां के बारे में बताएंगे।
Kapalbhati कपालभाति प्राणायाम को नियमित करने वाले व्यक्तियों के शरीर से उसकी मानसिक एवं शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती है। इसे व्यक्ति प्रत्येक बार सांस छोड़ते समय आसानी से महसूस भी कर सकता है। कपालभाति करना बहुत ही आसान होता है और प्रत्येक व्यक्ति इसे बैठकर कर सकता है। इसे करने के बाद व्यक्ति को एक अनूठी और आत्मिक शांति महसूस होती है। इस प्राणायाम को करने वाला व्यक्ति ही सिर्फ इसके फायदों को महसूस कर सकता है।
1.कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका –
2.कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे –
3.कपालभाति प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां
कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका

अपने पैरों को मोड़कर फर्श पर एकदम सीधे होकर बैठ जाएं। अपनी पीठ को बिल्कुल सीधे रखें और अपनी आंखें बंद कर लें।
अब अपनी दाएं हाथ की हथेली को दांये घुटने पर और बाएं हाथ की हथेली को बांए घुटने पर आराम से रखें।
गहरी सांस खींचे और फिर पूरे दबाव के साथ सांसों को छोड़ें। दबाव सिर्फ इतना ही दें कि सांस छोड़ते समय आपका पेट भी अंदर की तरफ चला जाए।
जब आप सांस छोड़ने लगते हैं तो अपने सांसों की आवाज को सुनते हुए यह सोचें कि आपके शरीर की सारी बीमारियां नाक के रास्ते बाहर निकल रही हैं।
जब सांस खींच रहे हैं तो इसपर कोई दबाव न दें। सांस खींचने में आपको जोर भी नहीं लगाना है, बस हर बार सामान्य तरीके से ही सांस लें।
पांच मिनट तक लगातार इस प्रक्रिया को दोहराएं और फिर थोड़ी देर आराम लें। इस प्राणायाम को आप पंद्रह से तीस मिनट तक भी कर सकते हैं।
कपालभाति प्राणायाम को बहुत तेज गति से न करें। इसे बिल्कुल आराम से करें और बार-बार करें।
कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे – Benefits of Kapalbhati Pranayama in Hindi

Kapalbhati कपालभाति बिल्कुल आसान सा प्राणायाम है। इसे करने पर आपको कुछ सुखद सा महसूस होता है। यह प्राणायाम करने से व्यक्ति को अनेकों फायदे होते हैं। तो आइये जानें कि कपालभाति प्राणायाम करने के फायदे क्या हैं।
कपालभाति करने के फायदे चिंता दूर करने में –Benefits of Kapalbhati for anxiety in hindi
यह प्राणायाम नियमित करने से व्यक्ति हर तरह के स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिंता एवं मानसिक तनाव से मुक्त रहता है और उसका मन भी प्रसन्न रहता है। इसके अलावा यह प्राणायाम मन और दिमाग को शांत रखता है और व्यक्ति में आत्मविश्वास जगाता है।
कपालभाति करने के फायदे निखार लाने में – Benefits of Kapalbhati Pranayama for glow in hindi
Kapalbhati Pranayama कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर को ऊष्मा मिलती है और व्यक्ति के चेहरे पर प्राकृतिक निखार आता है और चेहरा चमकने लगता है।
कपालभाति करने के फायदे शरीर की क्रिया सुधारने में –Benefits of Kapalbhati To improve body actions in hindi
यह प्राणायाम करने से व्यक्ति की पाचन क्रिया सुचारू रूप से काम करती है और यकृत एवं किडनी भी अपना काम सही तरीके से करने लगती है। इसके अलावा आंत से जुड़ी समस्या भी दूर हो जाती है।
कपालभाति करने के फायदे डार्क सर्कल दूर करने में –Benefits of Kapalbhati for Dark circle in hindi
यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम करता है तो उसके आंखों में तनाव कम उत्पन्न होता है जिससे की आंखों के आसपास डार्क सर्कल नहीं पड़ते हैं और यदि यह समस्या होती भी है तो इस प्राणायाम को करने से दूर हो जाती है।
कपालभाति करने के फायदे रक्त के प्रवाह को सुधारने में – Benefits of Kapalbhati Pranayama for blood flow in hindi
इस प्राणायाम के रोजाना सही तरीके से करने से शरीर में रक्त प्रवाह सही तरीके से होने लगता है और शरीर के सभी अंग भी अपना कार्य अच्छे से करते हैं।
कपालभाति करने के फायदे प्रजनन क्षमता ठीक रखने में – Benefits of Kapalbhati to improve reproductive capacity in hindi
Kapalbhati कपालभाति प्राणायाम करने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता ठीक रहती है और यह सेक्स के दौरान उत्तेजना पैदा करने में भी काफी मददगार होता है। इसके अलावा यह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की भी समस्या को कम करता है।
कपालभाति करने के फायदे विषाक्त पदार्थों को निकालने में – Benefits of Kapalbhati To remove toxic substances in hindi
इस प्राणायाम को करने से शरीर में इकट्ठे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल आते हैं और हमारे शरीर की आंतरिक प्रणाली अपना काम ठीक से करने लगती है।
कपालभाति प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां – Precautions of Kapalbhati Pranayama in Hindi

जैसा कि हम सभी को मालूम है कि यदि किसी भी योगा या प्राणायाम को सही तरीके से न किया जाए या जब शरीर में कुछ ऐसी बीमारियों हो जो इस प्राणायाम को करने में बाधा उत्पन्न करें तो कपालभाति प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
अगर आप हृदय रोग के मरीज हैं तो कपालभाति प्राणायाम करते समय सांसें बिल्कुल हल्के से छोड़ें या फिर आप यह प्राणायाम ना करें। यह प्राणायाम जब भी करें खाली पेट ही करें।
अगर कोई महिला गर्भवती है तो उसे कपालभाति प्राणायाम करने से बचना चाहिए।
अपने पूरे स्वास्थ्य की जांच कराने के बाद कपालभाति प्राणायाम को डॉक्टर की देखरेख में करें। अगर आपको मिर्गी आती हो तो यह प्राणायाम न करें।
यदि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान इस प्राणायाम को करने में असुविधा महसूस हो रही हो तो महिलाएं इस प्राणायाम को अपने उन दिनों में ना करें।
इसके अलावा यदि आपको अल्सर और गैस्ट्रिक से संबंधिक दिक्कतें हो तो इस प्राणायम से परहेज करें।
Post a Comment