अनिद्रा रोग का अर्थ है नींद न आना
अनिद्रा रोग का अर्थ है नींद न आना (Anidra Means Need Ka Nahi Aana)

| इसमें या तो व्यक्ति को नींद ही नहीं आती अथवा वह पर्याप्त नींद नहीं ले पाता | इसके अतिरिक्त रात को आंख खुल जाने के बाद पुनः सोना कठिन हो जाता है | इसके साथ-साथ बहुत से अनिद्राग्रस्त रोगियों (Insomnia Patients) को इस बात की शिकायत रहती है कि उनकी आंख प्रातःकाल होने के बहुत पहले ही खुल जाती है और फिर पुनः नींद आने में बहुत कठिनाई होती है |
बहुत से व्यक्ति अपने शयनकक्ष में प्रकाश अथवा अन्य किसी प्रकार के व्यवधान के कारण भी नींद लेने में कठिनाई अनुभव करते हैं |
घरेल् उपाए
1. नींद लेने के लिए सबसे पहला उपाय यह है कि व्यक्ति को कुछ ऐसा व्यायाम करना चाहिए जिससे उसे थकावट का अनुभव हो | उसे स्वच्छ वायु में प्रातः-सायं टहलना चाहिए |
2. जिन लोगों को नींद सही से नहीं आती है उन्हें गर्मियों में ठंडे पानी से पैर धोकर सोने से भी अच्छी नींद आती है | वैसे तो हमारा मानना है कि सभी को सोने से हाथ और पैर ठन्डे पानी से धोना चाहिए |
3. मेंहदी भी इस रोग में बहुत उपयोगी है | यदि रोग का कारण वात विकार नहीं है तो मेंहदी खूब बारीक पीसकर सिर में लगाएं | इससे मस्तिष्क को शीतलता मिलेगी और अच्छी नींद आएगी |
4. सायंकाल के समय कॉफी, चाय आदि नहीं पीनी चाहिए |
5. अनिद्रा रोग से बचने के लिए यह भी आवश्यक है कि व्यक्ति दिन में न सोए | लेटकर थोड़ा आराम करने में तो कोई हानि नहीं है परंतु अधिक देर तक बिस्तर में पड़े रहने से रात्रि को नींद आना कठिन हो जाता है | व्यक्ति चाहे तो चिंता के कारण होने वाले अनिद्रा रोग से बच सकता है | उसे प्रयत्न करना चाहिए कि रात को सोने से पूर्व चिंताओं का दामन छोड़ दे और रात को ईश वन्दना कर प्रभु स्मरण करते हुए सोने का प्रयत्न करे |
6. नींद के लिए एक उपाय यह भी है कि सोने से पूर्व व्यक्ति गुनगुने पानी से स्नान करे | इससे शरीर के रोमछिद्र खुल जाते हैं और शरीर में एक नयी ताजगी का अनुभव होता है | सोने से पूर्व गुनगुने जल से स्नान करने के अतिरिक्त शरीर के उन अंगों की मालिश भी करनी चाहिए, जिनसे रक्त प्रवाह मस्तिष्क की ओर जाता है | ये स्थान हैं, गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कंधे आदि | मालिश 10-15 मिनट तक करनी चाहिए | यदि कोई दूसरा व्यक्ति इन अंगों को दबाने में सहायता कर सके तो और भी अच्छा है
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